नई दिल्ली/बृजेश सिंह |
रेल
मंत्रालय फ्रांस की मदद से मुंबई और अहमदाबाद के बीच देश की पहली बुलेट
ट्रेन शुरू करने जा रहा है। इस तरह कांग्रेस ने गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी के बुलेट ट्रेन शुरू करने के सपने को पूरा करने का फैसला लिया
है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने पर 63 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो रेल
मंत्रालय के सालाना कुल योजनागत बजट से भी अधिक है।देश में बुलेट ट्रेन चलाने की चर्चा तो दशकों से चल रही है, लेकिन कुछ ठोस फैसला अभी तक नहीं हो सका था। कुछ माह पहले पीएमओ से भी बुलेट ट्रेन योजना को हरी झंडी दे दी गई थी। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही अगले रेल बजट में बुलेट ट्रेन को लेकर केंद्र सरकार से कुछ ठोस घोषणा किए जाने की मांग की थी।
रेलवे ने देश में बुलेट ट्रेन के लिए कुल 12 कॉरीडोर की पहचान की है, जिनमें से सात कारीडोर को पीएमओ तथा योजना आयोग से हरी झंडी भी दी जा चुकी है। रेल मंत्रालय ने अमल के समय सबसे पहले मोदी के गृह राज्य गुजरात को ही प्राथमिकता प्रदान की।
फ्रांसीसी कंपनी एसएनसीएफ से हुए करार के मुताबिक परियोजना को पांच साल में पूरा किया जाएगा तथा परियोजना का खर्च एसएनसीएफ ही उठाएगी। दोनों पक्षों की सहमति से जरूरत पड़ने पर एक साल के लिए यह समय सीमा बढ़ाई जा सकती है। बुलेट ट्रेन के इस प्रोजेक्ट में फ्रेंच नेशनल रेलवे तकनीकी मदद प्रदान करेगी।
दिल्ली में 14 फरवरी को हुए इस समझौते के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। समझौते के बाद शुक्रवार को मुंबई में फ्रांस से आए एक दल ने सेंट्रल एवं वेस्टर्न रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक भी की।
अहमदाबाद मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना-कुछ तथ्य
कुल स्टेशन--7
संभावित यात्री- 10 लाख सालाना
ट्रैक की लंबाई -लगभग 500 किमी
ट्रेन की स्पीड--300 से 350 किमी प्रति घंटा
प्रस्तावित स्टेशन--कल्याण, मुंबई सेंट्रल, दादर, मुंबई सीएसटी, वसई रोड, सूरत, भरूच, वड़ोदरा तथा अहमदाबाद