March 21, 2011

इंतजार


हमें इंतजार था जिनका हजार शिद्दत से
वो आए पैगाम उनका

उन्हें हम मान बैठे हैं मोहब्बत का खुदा
जो इंसान बनकर भी, मेरे काम आए

फिर भी यारों ये दिल है कि मानता नहीं
सुबह से शाम हो गई इंतजार में उनके

.....पर वो आए पैगाम उनका

करूंगा इंतजार कयामत तक उनके आने का
क्या पता उस रोज ही वो रहम खाएं

जहां जिस हाल में हो तुम सदा खुश रहना
हमें तो सदियों तक इंतजार का इरादा है

1 comment:

Anonymous said...

pls. comment u'rself