July 03, 2008
नेता जी का बदल गया है एड्रेस
राजधानी में चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा व लोकसभा सीटों का नया परिसीमन लागू हो जाने के बाद अब राजनीतिक दलों व नेताओं ने भी अपनी सीमाओं को पहचानना व बदलना शुरु कर दिया है। एक पार्टी जहां दिल्ली में अपने संगठन का माडल बदलने के लिए नए राजनैतिक जिले गठित कर रही है वहीं तमाम नेता बदले समीकरण के अनुसार अपना निवास भी बदलने लगे हैं. चुनाव व टिकट की राजनीति चाहे जो कराए. एक नेता जी ने बाहरी दिल्ली में बड़े शौक से एक मंहगे मोहल्ले में कुछ साल पहले ही मकान खरीदा था, वे उसी इलाके से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे किंतु परिसीमन ने अब उनके मकान का एड्रेस ऐसे इलाके में जोड़ दिया जो राजनीतिक रूप से नेता जी को मुफीद नहीं दिखता है. अब नेतागीरी तो करनी ही है. यह तो अच्छा है कि नेताजी माल-पानी वाले थे अब उन्होंने उसी इलाके में एक और मकान खरीद लिया जहां से वे चुनाव लड़ना चाहते हैं. पार्टी के कई नेताओं को वे अपना नया घर दिखा चुके हैं ताकि टिकट के समय उन्हें कोई बाहरी आदमी कहकर पत्ता न कटवा दे.अब जिन बेचारों के पास मकान बदलने की स्थिति नहीं है वे मन मसोसकर नए इलाके में खुद के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं. ऐसे में कई छुटभइयों को अब नेतागीरी के लिए अपना नया आका भी तलाशना पड़ रहा है.
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